देखते दखते समय आगे निकलता जा रहा है. मेने जीवन का पहला साल पूरा किया और दूसरी दीवाली भी देखी. इस बार दिवाली पर इतनी रोनक नहीं थी. फोजी चाचा भी छुटियो पर घर आये हुए है. मैंने उनको पुरे एक साल बाद देखा. पिछले कुछ महीने अच्छे नहीं गुजरे. मम्मी-पापा दोनों की तबियत ठीक नहीं थी. मेराऔर मम्मा का जन्मदिन, दिवाली दोनों एसे ही निकल गए. पापा ने कहा कोई बात नहीं. साब मिलकर एक बड़ी सी पार्टी करेगे. जब भी होगी आप सभी को जरुर बताऊंगा. मै अब दोड़ने लग गया हु. मेरी शरारते भी बढती जा रही है.
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