Vedkant Sharma
गुरुवार, 25 नवंबर 2010
मेने एक नया दोस्त बना लिया है
दिन भर मम्मी को परेशान कंरने से अच्छा था की में एक दोस्त बन लू. मेने एक नया दोस्त बना लिया है. आशा करता हु की आपको भी मेरा दोस्त पसंद आयेगा. एक बात बताऊ इसे मेने अपनी दीदी से मार लिया है.
अंगूठा चूसने की बरी आ गई है
अब में थोडा और बड़ा हो गया हु. लगता हे की अंगूठा चूसने की बरी आ गई है. आज पहली बार अंगूठा चूसकर अच्छा लगा. क्यों मुझे अंगूठा चूसकर देखते हुए आपको अपने बचपन की याद आ गयी ना?
थोड़ी पहलवानगिरी हो जाये
पिछले एक महीने से एक दादी अम्मा रोज मेरी मालिश करने आती है. मालिश के बाद अब थोड़ी पहलवानगिरी हो जाये. लग रहा हु न में पक्का पहलवान?
पहली मुस्कान
अपने बच्चे की पहली मुस्कान उसके माता पिता के लिए क्या महत्व रखती है ये आज मुझे पता चला जब में पहली बार अपने माता पिता को देखकर मुस्कुराया. अब में थोडा थोडा मुस्कुराने लगा हु. आप भी मुझे मुस्कुराते देखकर थोडा मुस्कुरा लेना.
बुधवार, 24 नवंबर 2010
माँ सूर्य की पूजा करती है
हमारे रिवाज के अनुसार सवा महीने के बाद नवजात शिशु की माँ सूर्य की पूजा करती है और फिर से घर का कम एवं बहार आ-जा सकती है. पूजा के फोटो भेज रहा हु.
मंगलवार, 23 नवंबर 2010
शुरुआत
इस ब्लॉग को शुरू करने की प्रेरणा मुझे मेरे दोस्त रंजन मोहनोत से मिली. यह ब्लॉग मेरे बेटे वेद्कांत का है. वेद्कांत का जन्म २९-०९-२०१० के दिन दोपहर १२ बजकर ४५ मिनिट पर हुआ था. जन्म के समय वेद्कांत का वजन २ किलो ७ ग्राम था और माँ बेटे दोनों स्वस्थ थे. अब वेद्कांत धीरे धीरे बड़ा हो रहा है. में इस ब्लॉग द्वारा नियमित रूप से उसके बचपन की कहानी एवं अटखेलिया आप लोगो को बताता रहूगा. आशा करता हु की यह ब्लॉग आपको पसंद आएगा और आप अपने सुझाव मुझे भेजते रहेगे. में जल्दी ही वेद्कांत के चित्र इस ब्लॉग पर रखुगा.
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