jivan - ek annant katha
Vedkant Sharma
गुरुवार, 25 नवंबर 2010
थोड़ी पहलवानगिरी हो जाये
पिछले एक महीने से एक दादी अम्मा रोज मेरी मालिश करने आती है. मालिश के बाद अब थोड़ी पहलवानगिरी हो जाये. लग रहा हु न में पक्का पहलवान?
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